लेखनी प्रतियोगिता -20-Jan-2023 "शिवरात्रि"
शिव की महिमा बहुत ही है निराली
वो तो हैं तीनों लोको के स्वामी
कैलाश पर्वत हैं उनका निवास
और नंदी की वो करते सवारी
दिल के है वो बहुत ही अनाड़ी
शिव की महिमा बहुत ही है निराली....!!
शिवरात्रि का पर्व है बड़ा ही भारी
हिमालय की बेटी से करने चले है विवाह भोले भंडारी
भूत, पिचाश बनके चले हैं बाराती
देह पर भाभूति, गले सर्पों की माला
हैं पोशाक कैसी दूल्हे की निराली
हर बाराती हो रहा है नशे में भारी
शिव की महिमा बहुत है निराली.....!!
पहुँची हैं बारात जब हिम के द्वारे
हो गये हैं देख कर अब भयभीत भारी
मैना मां की आँखें देख ये सब हो गई है आँसुओं से गीली
देख हालत माँ की पारो जाके पहुँची है नजदीक शिव के
हाथ जोड़ खड़ी है भोले के आगे
ना लगी देर उनको मन क्यों है सती का भारी
आ गये रूप में शिव संग सारे बाराती
हो गई चारों तरफ से देवताओं की फूलों की बरसा भारी
शिव की महिमा बहुत ही है निराली.....!!
मधु गुप्ता
Renu
23-Jan-2023 03:52 PM
👍👍🌺
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अदिति झा
22-Jan-2023 04:20 PM
Nice 👍🏼
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Sant kumar sarthi
21-Jan-2023 02:20 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Madhu Gupta "अपराजिता"
21-Jan-2023 05:13 PM
Thank you sir
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